VishwaHinduMahasabha
Joined 7 June 2014
रुद्राक्ष देव लोक में माना जाता हैं कि जब रुद्राक्ष ईश्वर किसी मनुष्य देव को देता हैं तो दो देता हैं और एक हर लेता हैं वह शिव के केशो में जा लगता हैं ! जब तक महादेव के केशो में वह हरित एक रुद्राक्ष शोभा दे रहा हैं तब तक इस उक्त द्वितीय रुद्राक्ष जो मृत्युलोक में होता हैं उसमे शक्तियां रहती हैं ! किन्तु यदि अपवित्र किया गया तो शिव के केशो से प्रथम बीज गंगा में बह जाता हैं ! ...................... उस प्रथम रुद्राक्ष के स्थायित्व के लिए जो महादेव के केशो में सुशोभित हैं क्रांतिकारी ५००८ प्रयास करता रहेगा ! नंदी का सम्मान मृत्युलोक में पुनः स्थापित करवाएगा !